Thursday 1 May 2014

क्रान्तिकारी एकजुटता ज़िन्दाबाद !



क्रान्तिकारी एकजुटता ज़िन्दाबाद !
मई-दिवस के अवसर पर विशेष अनुरोध :

प्रिय मित्र, मेहनतकशों की एकता के आह्वान को लागू करने के लिये अनेक प्रयास जारी हैं.
इनमें से ही एक "PRO PEOPLE SOLIDARITY FORUM AGAINST EXPLOITATION, OPPRESSION AND COMMUNAL HATRED" के गठन का प्रयास रहा है.
मैं एक बार फिर से आपसे इस प्रयास की कल्पना को मूर्तमान करने के लिये अपनी पहल करने का अनुरोध कर रहा हूँ.
मई-दिवस के अवसर पर यह सन्देश आपकी सलाह जानने के मकसद से भेज रहा हूँ.
आपने प्रो-पीपल सॉलिडेरिटी फोरम (अगेन्स्ट एक्स्प्लॉयटेशन, ऑप्रेसन ऐन्ड कम्यूनल हेट्रेड) के गठन के प्रयास में अपनी भागीदारी की सहमति दी है.
मैं इसके लिये आपके प्रति आभार व्यक्त कर रहा हूँ.
यह प्रयास अभी तक अपनी पहली बैठक तक भी नहीं पहुँच सका.
यह प्रयास गत लगभग दो वर्षों से अधिक से अब तक लम्बित रहा है.
इस प्रयास के लिये ली गयी पहली पहल से अभी तक का समय केवल पहली बैठक की प्रतीक्षा करने में नष्ट हुआ है.
हमारी एकजुटता की दृष्टि से यह समय अतिशय महत्वपूर्ण रहा है.
आने वाले समय में यह आदमखोर व्यवस्था और भी नंगा फासिस्ट रूप लेने जा रही है.
हम सब को इस परिस्थिति में निकट भविष्य में और भी भीषण समस्याओं से दो-दो हाथ करना ही पड़ेगा.
इस विलम्ब के पीछे कतिपय तकनीकी दिक्कतें रही हैं.
पहले तो इसके ब्लॉग का नाम http://ppsfin.blogspot.in/ ही गूगल की नाम-नीति के अनुरूप नहीं रखा जा सका था.
दूसरे इस ब्लॉग के पासवर्ड को जिन साथियों के बीच वितरित किया गया था, उनमें से कुछ ही लोगों ने उस पर लिखने में रुचि ली.
ब्लॉग के ई-मेल ppsfindia@gmail.com के सहारे लिखने की अपेक्षा जिन साथियों से की गयी थी, उनमें से भी इक्का-दुक्का लोगों ने ही उस तक अपना मेल भेजा.
तीसरे इसके नाम को सुधारने और नया नाम चुनने का काम भी अभी तक नहीं किया जा सका.
चौथे कुछ मित्रों ने घोषित तौर पर अथवा सन्देश के माध्यम से अपनी और आगे हिस्सेदारी जारी रखने से इन्कार कर दिया.
पाँचवे एक ज़िम्मेदार और नेतृत्वकारी साथी के सामने एक के बाद एक आने वाली व्यक्तिगत समस्याओं में उनके उलझे होने के चलते बैठक की योजना अभी तक टलती गयी.
मेरी इस बार की 22-23 अप्रैल की दो दिनों की दिल्ली-यात्रा का उद्देश्य आमने-सामने बैठ कर इस बैठक की योजना को अन्तिम रूप देना भी था.
इस मुलाकात में इस प्रयोग को आगे जारी रखने के मूल प्रश्न पर ही एक वरिष्ठ मित्र का नकारात्मक मत सामने आया.
उनका सुझाव था कि ऐसा ही एक फोरम “Peoples Alliance for Democracy and Secularism (PADS)” को कॉमरेड राव Battini Sreenivasa Rao गठित कर रहे हैं.
कॉमरेड राव Battini Rao का फेसबुक लिंक यह है :https://www.facebook.com/battini.rao
उनके फ़ोरम का लिंक यह है : http://padsindia.blogspot.in/
उसी में इस योजना को समाहित कर दिया जाये.

हम सबके वरिष्ठ कॉमरेड Mohan Shrotriya sir 
से मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिये मेरी फोन से बात हुई.
उन्होंने आप सब से आपकी सलाह जानने के लिये सन्देश भेजने की सलाह दी.
उनका ख़ुद का मत है –

“हिन्दी पट्टी में इस काम की व्यवस्थित शुरुआत और फैलाव की ज़रूरत के मद्देनज़र, बेहतर हो कि हिन्दी के वामपन्थी लेखक इसके केंद्र में रहें.
एक दो_दिन का कार्यक्रम दिल्ली में रखा जाये.
आपसी सहयोग से उसके आयोजन का खर्च निकाल लिया जाये.
दिल्ली के स्थानीय मित्र ही आयोजन की ज़िम्मेदारी को संभाल सकते हैं.
और मित्रों की राय आने दीजिए.
उसके बाद एक ठोस योजना प्रस्तावित करके, ‪#‎सहमतों‬ को आमंत्रित किया जाये.”

उनका मत आने के बाद ही मैं आप तक यह सन्देश भेज रहा हूँ.
मैं इस विलम्ब के लिये पूरे तौर पर अपनी ज़िम्मेदारी स्वीकार कर रहा हूँ.
इसके लिये मैं ग्लानि महसूस कर रहा हूँ, खेद व्यक्त कर रहा हूँ और स्पष्ट शब्दों में आत्मालोचना कर रहा हूँ.
कृपया मेरा मार्गदर्शन करें कि इस परिस्थिति में क्या निर्णय लिया जाये.
आपके सन्देश की प्रतीक्षा में
आपका अपना गिरिजेश

1 comment:

  1. अगला कदम उठाने का शीघ्र प्रयास किया जाये ,ताकी कोई ठोस निर्णय लिया जा सके।

    ReplyDelete